महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि 1 अप्रैल 2025 से राज्य के सभी वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य कर दिया जाएगा। यह फैसला टोल कलेक्शन को डिजिटल और सुविधाजनक बनाने के लिए लिया गया है। हालांकि, देश के कई राज्यों में पहले से ही FASTag अनिवार्य किया जा चुका है, लेकिन महाराष्ट्र में इसे लेकर अभी तक छूट मिली हुई थी।
अब यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी वाहन जल्द से जल्द FASTag लगवा लें ताकि टोल भुगतान में किसी तरह की परेशानी न हो। आइए जानते हैं कि FASTag क्या है, यह कैसे काम करता है और इसे क्यों जरूरी किया गया है।
FASTag क्या होता है?
FASTag एक RFID (Radio Frequency Identification) टैग है, जिसे वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। यह बैंक खाते या प्रीपेड वॉलेट से जुड़ा होता है। जब कोई वाहन टोल प्लाजा से गुजरता है, तो टोल शुल्क स्वचालित रूप से कट जाता है और ड्राइवर को रुकने की जरूरत नहीं पड़ती।
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FASTag को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) प्रणाली का हिस्सा बनाया गया है, जिससे सभी टोल बूथ पर डिजिटल भुगतान संभव हो सके।
FASTag कैसे काम करता है?
- वाहन के विंडस्क्रीन पर FASTag चिप लगाया जाता है।
- यह चिप RFID तकनीक के जरिए टोल प्लाजा पर लगे सेंसर से संपर्क करती है।
- सेंसर वाहन की जानकारी को स्कैन करता है और टोल राशि लिंक किए गए बैंक खाते से काट लेता है।
- टोल भुगतान होते ही वाहन बिना रुके आगे बढ़ सकता है।
- भुगतान की जानकारी वाहन मालिक को SMS के माध्यम से भेजी जाती है।
FASTag क्यों जरूरी है?
FASTag लगाने के कई फायदे हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
✔ समय की बचत – टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे लंबी कतारें नहीं लगतीं।
✔ ईंधन की बचत – गाड़ी को टोल बूथ पर रोकने और स्टार्ट करने से ईंधन खर्च बढ़ता है, लेकिन FASTag से यह बचाव होता है।
✔ कैशलेस पेमेंट – FASTag के जरिए भुगतान डिजिटल और सुरक्षित होता है, जिससे नकद लेन-देन की जरूरत नहीं पड़ती।
✔ हर टोल प्लाजा पर मान्य – यह पूरे देश के सभी टोल प्लाजा पर काम करता है, भले ही उसे कोई भी कंपनी संचालित कर रही हो।
✔ SMS अलर्ट – भुगतान के तुरंत बाद वाहन मालिक को मैसेज के जरिए जानकारी मिलती है, जिससे हर ट्रांजेक्शन पर नजर रखी जा सकती है।
FASTag कहां से खरीदें?
FASTag को खरीदने के लिए निम्नलिखित विकल्प मौजूद हैं:
- बैंक से – ICICI, HDFC, SBI, Bank of Baroda, Axis Bank और अन्य बैंकों से FASTag खरीदा जा सकता है।
- डिजिटल वॉलेट से – Paytm, PhonePe, Google Pay जैसे ऐप्स पर FASTag की सुविधा उपलब्ध है।
- टोल प्लाजा से – राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल बूथों पर भी FASTag खरीदा जा सकता है।
- ऑनलाइन वेबसाइट से – Amazon, Flipkart और आधिकारिक बैंक वेबसाइटों से FASTag ऑर्डर कर सकते हैं।
FASTag के लिए जरूरी दस्तावेज
FASTag खरीदते समय आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होगी:
✔ वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC)
✔ वाहन मालिक का पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि)
✔ पासपोर्ट साइज फोटो
✔ बैंक खाते या प्रीपेड वॉलेट की डिटेल
FASTag का बैलेंस खत्म होने पर क्या होगा?
अगर FASTag से जुड़ा बैंक खाता या प्रीपेड वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस नहीं होगा, तो टैग ब्लैकलिस्ट हो सकता है। ऐसी स्थिति में ड्राइवर टोल फ्री सिस्टम का लाभ नहीं उठा पाएगा और कैश पेमेंट करना पड़ेगा।
FASTag से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
- FASTag एक वाहन के लिए ही मान्य होता है – इसे दूसरे वाहन में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।
- रिचार्ज की जरूरत – अगर FASTag प्रीपेड वॉलेट से जुड़ा है, तो ड्राइवर को समय-समय पर इसे रिचार्ज करना होगा।
- ब्लैकलिस्ट से बचें – समय पर बैलेंस चेक और रिचार्ज करें ताकि टोल प्लाजा पर कोई समस्या न हो।
1 अप्रैल 2025 से महाराष्ट्र में सभी वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य होने जा रहा है। ऐसे में वाहन मालिकों को जल्द से जल्द FASTag लगवा लेना चाहिए ताकि वे बिना किसी परेशानी के टोल का भुगतान कर सकें।
FASTag न केवल समय और ईंधन की बचत करता है बल्कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देता है, जिससे टोल प्लाजा पर कैश लेन-देन कम होता है। अगर आपके पास अभी तक FASTag नहीं है, तो इसे जल्द से जल्द खरीदें और सरकार के नियमों का पालन करें।