सोने की कीमतों में एक बार फिर जबर्दस्त उछाल देखने को मिल रहा है, और इस बार यह तेजी केवल घरेलू मार्केट तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर भी सोने का भाव रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गया है। यूनियन बजट से पहले, सोने की कीमतों ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। गुरुवार को MCX पर वायदा कारोबार के दौरान सोने का भाव 82,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से भी ऊपर निकल गया, जबकि घरेलू मार्केट में भी यह अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच चुका है।
सोने की कीमतों में वृद्धि का कारण
सोने की कीमतों में इस तरह की वृद्धि का मुख्य कारण वैश्विक बाजार की स्थिति और घरेलू बाजार में चल रहे आर्थिक बदलाव हो सकते हैं। साल 2024 में जब बजट पेश किया जाएगा, तब सोने पर कस्टम ड्यूटी को लेकर कुछ घोषणाएं हो सकती हैं, जो सोने की कीमतों को और प्रभावित कर सकती हैं। पिछली बार जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में सोने पर कस्टम ड्यूटी घटाने की घोषणा की थी, तो इसके बाद सोने की कीमतों में एक बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। ऐसे में इस बार के बजट में क्या कुछ बदलाव होते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
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पिछली बार की गिरावट और फिर तेजी
पिछले साल के पूर्ण बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने पर कस्टम ड्यूटी को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत करने का ऐलान किया था। इस घोषणा के बाद, बजट के दिन ही सोने की कीमतों में तेज गिरावट आई थी और यह 4000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो गया था। लेकिन, यह गिरावट ज्यादा समय तक नहीं रही। बजट के बाद कुछ ही समय में सोने की कीमतों में तेजी आई और अब वे फिर से रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच चुके हैं।
सोने की कीमतों में बढ़ोतरी और सरकार की भूमिका
अब यह सवाल उठता है कि इस बार के यूनियन बजट में सोने पर कस्टम ड्यूटी को लेकर क्या कोई नई घोषणा की जाएगी। अगर ऐसा होता है तो सोने की कीमतों में और बदलाव हो सकता है। यदि सरकार कस्टम ड्यूटी घटाती है, तो सोने की कीमतों में एक और गिरावट देखने को मिल सकती है, जैसा कि पिछले बजट में हुआ था। लेकिन, अगर कस्टम ड्यूटी में कोई राहत नहीं दी जाती है, तो सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है।
बाजार की प्रतिक्रिया और भविष्य की स्थिति
सोने की कीमतों में इस तेजी के बावजूद, बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी कुछ महीनों में सोने की कीमतों में और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। आगामी बजट की घोषणाओं और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के आधार पर सोने की कीमतें फिर से घट भी सकती हैं। हालांकि, यदि सरकार सोने पर कस्टम ड्यूटी कम करती है, तो यह निवेशकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है और सोने की कीमतें फिर से नीचे आ सकती हैं।
सोने की कीमतों में बढ़ोतरी एक महत्वपूर्ण आर्थिक घटना है, जो वित्तीय निवेश और सामान्य उपभोक्ताओं दोनों के लिए ध्यान आकर्षित करती है। आगामी बजट में सोने पर कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव होता है या नहीं, यह देखना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह बदलाव सोने की कीमतों को प्रभावित कर सकता है। फिलहाल, सोने के निवेशक और खरीददारों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि कीमतें आसमान छू रही हैं और आगे की दिशा बजट और वैश्विक परिस्थितियों पर निर्भर करेगी।