Advertisement
Advertisement

खराब CIBIL Score वालों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, बैंकों को दिया झटका

Advertisement

सिबिल स्कोर एक महत्वपूर्ण क्रेडिट स्कोर है, जो किसी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाता है। यह स्कोर बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा लोन देने से पहले देखा जाता है। उच्च सिबिल स्कोर होने पर लोन जल्दी और आसान शर्तों पर मिल जाता है, जबकि खराब सिबिल स्कोर के कारण लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है। हाल ही में हाईकोर्ट ने सिबिल स्कोर से संबंधित एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है, जिससे एजुकेशन लोन के आवेदकों को राहत मिली है।

सिबिल स्कोर क्या है?

सिबिल स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और वित्तीय अनुशासन का एक मापक है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है।

Advertisement
  • 900 का स्कोर: सर्वश्रेष्ठ सिबिल स्कोर माना जाता है।
  • 700 से ऊपर का स्कोर: अच्छा स्कोर है और लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
  • 600 से कम का स्कोर: खराब माना जाता है और लोन स्वीकृत होने में परेशानी हो सकती है।

सिबिल स्कोर को मुख्य रूप से आपके लोन की चुकौती की समयबद्धता, क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान, और ओवरड्यू पेमेंट्स प्रभावित करते हैं।

Also Read:
Jio Recharge Plan जिओ ने शुरू किया ₹149 रुपए महीना वाला रिचार्ज प्लान मिलेंगे ये बेनिफिट्स Jio Recharge Plan

सिबिल स्कोर का महत्व

  1. लोन स्वीकृति में भूमिका:
    जब आप होम लोन, कार लोन, गोल्ड लोन, या पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक आपका सिबिल स्कोर चेक करते हैं। अच्छा सिबिल स्कोर होने पर लोन जल्दी स्वीकृत हो जाता है।
  2. ब्याज दर पर असर:
    उच्च सिबिल स्कोर वाले आवेदकों को कम ब्याज दर पर लोन मिलता है, जबकि खराब स्कोर वालों को अधिक ब्याज चुकाना पड़ता है।
  3. क्रेडिट लिमिट:
    सिबिल स्कोर अच्छा होने पर बैंक आपको उच्च क्रेडिट लिमिट प्रदान करते हैं।

सिबिल स्कोर खराब क्यों होता है?

सिबिल स्कोर खराब होने के कई कारण हो सकते हैं:

Advertisement
  • लोन की किस्त (EMI) समय पर न चुकाना।
  • क्रेडिट कार्ड बिल का ओवरड्यू होना।
  • एक साथ कई लोन लेना और उन्हें चुकाने में असमर्थ होना।
  • लोन चुकाने से इनकार करना।

हाईकोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय

हाल ही में केरल हाईकोर्ट ने सिबिल स्कोर को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। कोर्ट ने कहा कि कम सिबिल स्कोर के आधार पर एजुकेशन लोन का आवेदन अस्वीकार नहीं किया जा सकता।

कोर्ट का तर्क:

  • विद्यार्थियों को भविष्य का निर्माता बताते हुए कोर्ट ने बैंकों से मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।
  • कोर्ट ने कहा कि छात्रों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें एजुकेशन लोन से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।

जनहित याचिका का मामला

एक छात्र ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उसने बताया कि उसका सिबिल स्कोर कम है क्योंकि उसने पिछले लोन की किस्तें समय पर नहीं चुकाई थीं। छात्र ने कोर्ट से अनुरोध किया कि अगर उसे एजुकेशन लोन नहीं मिला, तो उसकी पढ़ाई प्रभावित होगी।

Advertisement
Also Read:
LPG e-KYC गैस कनेक्शन धारकों के लिए अलर्ट! ई-केवाईसी कराना हुआ अनिवार्य, Step-By-Step समझें पूरी प्रक्रिया LPG e-KYC

कोर्ट का निर्णय:

  • हाईकोर्ट ने छात्र के पक्ष में निर्णय दिया और बैंकों को निर्देश दिया कि कम सिबिल स्कोर के आधार पर एजुकेशन लोन अस्वीकार न करें।
  • कोर्ट ने कहा कि शिक्षा का अधिकार हर विद्यार्थी का हक है, और आर्थिक परेशानियों के कारण इसे रोका नहीं जा सकता।

कैसे सुधारें अपना सिबिल स्कोर?

  1. समय पर भुगतान करें: लोन और क्रेडिट कार्ड की किस्तें समय पर चुकाएं।
  2. ओवरड्यू से बचें: किसी भी भुगतान को लंबित न रखें।
  3. क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग करें: केवल जरूरत के अनुसार खर्च करें और बिल समय पर चुकाएं।
  4. लोन आवेदन सीमित करें: बार-बार लोन के लिए आवेदन करने से बचें।

सिबिल स्कोर का सीधा असर आपके वित्तीय भविष्य पर पड़ता है। अच्छा सिबिल स्कोर न केवल लोन स्वीकृति में मदद करता है, बल्कि कम ब्याज दरों का लाभ भी दिलाता है। हाईकोर्ट का निर्णय एजुकेशन लोन के आवेदकों के लिए राहत की खबर है, जो यह सुनिश्चित करता है कि शिक्षा पाने का अधिकार किसी भी छात्र से न छीना जाए। सिबिल स्कोर को बेहतर बनाए रखना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है, ताकि जरूरत पड़ने पर वित्तीय सहायता आसानी से मिल सके।

Advertisement

Leave a Comment

WhatsApp Group