भारत में एलपीजी सिलेंडर का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। यह न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ और सुविधाजनक खाना पकाने का प्रमुख साधन बन गया है। घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलेंडर की संख्या में पिछले दस वर्षों में जबरदस्त वृद्धि हुई है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह वृद्धि कैसे हुई और इसके पीछे क्या कारण हैं।
एलपीजी सिलेंडर
आज के समय में भारत में एलपीजी सिलेंडर का उपयोग लगभग हर घर में किया जा रहा है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुसार, 1 नवंबर 2024 तक देश में एलपीजी सिलेंडर की संख्या 31.83 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारत की एक चौथाई आबादी खाना पकाने के लिए एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल कर रही है।
2014 में, यह संख्या केवल 14.52 करोड़ थी, लेकिन पिछले दशक में यह दोगुनी हो गई है। स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।
पीएम उज्ज्वला योजना
एलपीजी सिलेंडर की बढ़ोतरी में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) का बड़ा योगदान है। 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश के बलिया से शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराना था।
उज्ज्वला योजना के मुख्य तथ्य
- अब तक 10.33 करोड़ कनेक्शन वितरित किए गए हैं।
- लाभार्थियों को 300 रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है।
- 222 करोड़ एलपीजी रिफिल वितरित किए जा चुके हैं।
- हर दिन लगभग 13 लाख रिफिल का उपयोग हो रहा है।
इस योजना ने ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को धुएं से मुक्त वातावरण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
खपत में लगातार बढ़ोतरी
एलपीजी सिलेंडर की प्रति व्यक्ति खपत में भी लगातार इजाफा हो रहा है।
- 2019-20 में प्रति व्यक्ति खपत 3.01 सिलेंडर थी।
- 2023-24 में यह बढ़कर 3.95 सिलेंडर हो गई।
- अक्टूबर 2024 तक प्रति व्यक्ति खपत 4.34 सिलेंडर तक पहुंचने का अनुमान है।
यह आंकड़े दिखाते हैं कि भारत में एलपीजी सिलेंडर का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आया है।
गैस वितरकों की संख्या में वृद्धि
एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए गैस वितरकों की संख्या भी बढ़ाई गई है।
- 2014 में केवल 13,896 वितरक थे।
- 2024 तक यह संख्या बढ़कर 25,532 हो गई है।
- इनमें से 90% वितरक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
यह वृद्धि ग्रामीण क्षेत्रों में एलपीजी की पहुंच को सुनिश्चित करने और वहां की महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की गई है।
एलपीजी सिलेंडर का पर्यावरण पर प्रभाव
एलपीजी सिलेंडर का उपयोग न केवल स्वास्थ्य के लिए बेहतर है, बल्कि यह पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाता है। पारंपरिक ईंधन जैसे लकड़ी और कोयले के उपयोग से होने वाले प्रदूषण में कमी आई है। इसके अलावा, एलपीजी का उपयोग जंगलों की कटाई को भी रोकता है।
एलपीजी सिलेंडर का उपयोग भारत में स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और अन्य सरकारी पहलों ने इसकी पहुंच को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। यह न केवल खाना पकाने का एक स्वच्छ और सुविधाजनक साधन है, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने में भी सहायक है।
एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती खपत और वितरण से यह साफ है कि भारत स्वच्छ ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ रहा है। सरकार और जनता के इस संयुक्त प्रयास से देश के पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों में सुधार होगा।