एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) का उपयोग भारत में मुख्य रूप से खाना पकाने के लिए किया जाता है। यह देश के लगभग हर घर में उपयोग होने वाला एक महत्वपूर्ण ईंधन है। भारत में एलपीजी की कीमतें सरकारी तेल कंपनियों द्वारा निर्धारित की जाती हैं और हर महीने संशोधित की जाती हैं। एलपीजी की कीमतों में किसी भी बदलाव का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। इस लेख में हम एलपीजी की कीमतों, सरकारी सब्सिडी और विभिन्न शहरों में इसकी दरों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
एलपीजी की कीमतें कौन तय करता है?
भारत में एलपीजी की कीमतें सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (IOC, BPCL, HPCL) द्वारा तय की जाती हैं। ये कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत, विदेशी मुद्रा विनिमय दर और अन्य आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए एलपीजी की दरों में संशोधन करती हैं। हर महीने की पहली तारीख को नई दरें लागू होती हैं।
एलपीजी सब्सिडी और उसका प्रभाव
भारत सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को एलपीजी पर सब्सिडी प्रदान करती है। यह सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है। सब्सिडी की राशि हर महीने बदलती रहती है और यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतों और विदेशी मुद्रा विनिमय दर पर निर्भर करती है।
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सरकार द्वारा दी जाने वाली यह सब्सिडी आम लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ईंधन की बढ़ती कीमतों के प्रभाव को कम करने में मदद करती है। हालांकि, कुछ उपभोक्ताओं, खासतौर पर उच्च आय वर्ग वालों को यह सब्सिडी नहीं मिलती।
एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रभाव
एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। चूंकि यह खाना पकाने का मुख्य ईंधन है, इसकी कीमत में वृद्धि से घरेलू बजट पर असर पड़ता है। खासकर निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को अधिक खर्च करना पड़ता है। इसके अलावा, होटल, रेस्तरां और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए भी यह एक महंगा सौदा साबित हो सकता है।
भारत के प्रमुख शहरों में एलपीजी की कीमतें
भारत के प्रमुख मेट्रो शहरों में घरेलू और व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर की कीमतें इस प्रकार हैं:
शहर | घरेलू (14.2 Kg) कीमत | व्यावसायिक (19 Kg) कीमत |
---|---|---|
नई दिल्ली | ₹803.00 | ₹1,804.00 |
कोलकाता | ₹829.00 | ₹1,911.00 |
मुंबई | ₹802.50 | ₹1,756.00 |
चेन्नई | ₹818.50 | ₹1,966.00 |
बैंगलोर | ₹805.50 | ₹1,880.50 |
हैदराबाद | ₹855.00 | ₹2,028.00 |
जयपुर | ₹806.50 | ₹1,831.50 |
पटना | ₹892.50 | ₹2,057.00 |
राज्यवार एलपीजी की कीमतें
भारत के विभिन्न राज्यों में एलपीजी की कीमतें भिन्न होती हैं। यहां कुछ राज्यों में घरेलू और व्यावसायिक एलपीजी की कीमतें दी गई हैं:
राज्य | घरेलू (14.2 Kg) कीमत | व्यावसायिक (19 Kg) कीमत |
---|---|---|
उत्तर प्रदेश | ₹840.50 | ₹1,925.00 |
मध्य प्रदेश | ₹808.50 | ₹1,809.50 |
बिहार | ₹892.50 | ₹2,057.00 |
महाराष्ट्र | ₹802.50 | ₹1,756.00 |
राजस्थान | ₹806.50 | ₹1,831.50 |
पंजाब | ₹844.00 | ₹1,910.50 |
पश्चिम बंगाल | ₹829.00 | ₹1,911.00 |
कर्नाटक | ₹805.50 | ₹1,880.50 |
एलपीजी की कीमतें कैसे निर्धारित होती हैं?
एलपीजी की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें – यदि कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो एलपीजी के दाम भी बढ़ जाते हैं।
- डॉलर-रुपये की विनिमय दर – चूंकि एलपीजी का आयात डॉलर में किया जाता है, इसलिए भारतीय रुपये की कीमत घटने पर एलपीजी महंगी हो जाती है।
- टैक्स और अन्य शुल्क – केंद्र और राज्य सरकारें एलपीजी पर टैक्स लगाती हैं, जिससे इसकी कीमतें अलग-अलग राज्यों में भिन्न होती हैं।
- सरकारी नीतियां और सब्सिडी – सरकार समय-समय पर एलपीजी की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सब्सिडी देती है।
एलपीजी के भविष्य की संभावनाएं
भविष्य में एलपीजी की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है। भारत सरकार ने एलपीजी उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जैसे कि उज्ज्वला योजना, जिसके तहत गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिए जाते हैं।
इसके अलावा, सरकार बायोगैस और अन्य वैकल्पिक ईंधनों को भी बढ़ावा दे रही है ताकि एलपीजी पर निर्भरता कम की जा सके।
भारत में एलपीजी की कीमतें हर महीने बदलती हैं और यह अंतरराष्ट्रीय बाजार, सरकारी नीतियों और अन्य आर्थिक कारकों पर निर्भर करती हैं। घरेलू उपभोक्ताओं को सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है, जिससे उन्हें कुछ राहत मिलती है। एलपीजी की बढ़ती कीमतों का प्रभाव आम जनता पर पड़ता है, खासकर मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों पर।
इसलिए, यह जरूरी है कि उपभोक्ता एलपीजी की कीमतों पर नजर बनाए रखें और सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।